विश्व पुस्तक दिवस -२३/४/२१
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं
संप्रेषित है एक रचना ?
हर पन्ने पर ख्वाब लिखा है।
नहीं किसी को अभी दिखा है।।
इक किताब की शक्ल बनी है।
शब्द शब्द में मर्म घनी है।।
समझो तो भंडार बड़ा है।
हर पन्ने पर ख्वाब लिखा है।।
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वेदों का सद्ज्ञान भरा है।
गीता का भी ज्ञान खरा है।।
रोम रोम में रामायण है।
कण कण में राम रसायन है।।
पृष्ठ पृष्ठ में प्यार भरा है।
हर पन्ने पर ख्वाब लिखा है।।
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पुस्तक की अनमोल लिखावट।
देती हर मुश्किल की आहट।।
समझोगे तो समझ आयगा।
वरना सब बेकार जायगा।।
विषय-विषय आगार भरा है।
हर पन्ने पर ख्वाब लिखा है।।
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इतिहासों का यही लेख है।
भाग्य बनाती यही रेख है।।
दुनिया का प्रतिबिंब यही है।
यही दिखाती मार्ग सही है।
वाक-वाक में सौम्य जड़ा है।
हर पन्ने पर ख्वाब लिखा है।