विश्व पर्यावरण दिवस और ये अल्फाज़
पर्यावरण बचाओ !
तभी जिंदा रह पावोगे !
ये एक समन्वय है !
इसके बिन !
कहाँ जिंदा रह पावोगे !
.
गर लिया !
लौटा नहीं पाये !
कर्जदार कहलावोगे !
अब तुम जानो !
साहूकार संबोधन अच्छा है !
या कर्जदार कहलावोगे !
.
कुछ नहीं रखा !
झूठी शान में !
जो कुछ है !
उससे साक्षात्कार !
कर पावोगे !
.
ये एक करार है,
इसे निभाना है,
कैसे ?
निभाना है,
यही सोचकर !
सामंजस्य बनाना है !
जिससे सुरक्षित रह पावोगे !
#डॉ.महेन्द्र