विश्व की छवि प्यारी”
”
ओ,मृदुल सपना सा स्वर्ग का अहसास हो तुम,
प्रिये,माथे की आभा और दिल की आवाज हो तुम।
तुम्हारे वाणी की मधुरता में,मिथिला की मुस्कान है,
तुम्हारी बातों में बसता इतिहास की पहचान है।
नारी, तू है साक्षात मिथिला की गाथा ,
कालिक रूप महाकाली की वह शक्ति विख्यात है।
सारी दुनिया के उत्थान का तुझमें आधार,
सनातन के समाज में तेरा ही श्रृंगार है।
तू है दुर्गा की अवतार, ममता की निशानी,
तेरी कोख ने रचा है मानव और देव का कहानी।
जिसने तुझसे सेवा की, उसने पाया सम्मान है,
मानवता का तुझे प्रणाम, हे नारी तुम महान है ।
— श्रीहर्ष