विश्व कविता दिवस
कविता है परब्रह्म नाद, मानवता की पोषक है
ज्ञान और विज्ञान है यह, ईश्वर का पारितोषक है
नव रस अलंकार से भूषित, मानव भाव को गाती है
जीवन के हर क्षेत्र का, हमको ज्ञान कराती है
कल्पना नहीं मात्र ये कोरी, ज्ञान प्रकाश फैलाती है
कविता है वेद पुराण उपनिषद, बाइबल और कुरान हैं
कविता है गुरु ग्रंथ साहिब, ईश्वरीय वरदान है
दुनिया की हर भाषा बोली में, कविता छंदों में गाती है
मानव के सुखदुख में कविता, सबको सुख पहुंचाती है
कवि कोविंद और विज्ञजनों का
कविता दिवस पर वंदन है
प्रेम प्रीत के भाव जगाएं, बहुत-बहुत अभिनंदन है
लिख दो ऐंसे गीत प्रेम के, जग में हिंसा मिट जाए
विश्व एक परिवार बने, आतंक जगत से मिट जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी