विश्व कविता दिवस।
अंतर मन से निकली , करुणा की धारा है।
हृदय स्थल से निकलने वाली धारा है।
कविता मन का उजियारा है।
मन की शांत लहरों का किनारा है।
हृदय की धड़कनों का संगम है।
कविता मानव की करुणा का उद्गम है।
स्वरों और लय की ध्वनि से अलंकृत है।
पढ़ कर मानव का मन होता हर्षित है।।