Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Apr 2023 · 3 min read

विश्वास

एक बार की बात है कि हम सायं के समय में गांव में टहल रहे थे, तभी एक महिला ने मुझे पुकारा और अपने द्वार पर बैठाया। उसके बाद कुछ अपने दुख दर्द जो था वह कहने लगी। उनको विश्वास था कि हम पढ़े लिखे हैं तो जरूर कुछ अच्छी सुझाव देंगे और उस सुझाव से उनको कुछ फायदा होगा। इस विश्वास से उन्होंने मुझे पुकारा, अपने द्वार पर बैठाया और अपनी सारी बातें हमें बताई। बातें यह थी कि उनके पुत्र का शादी हुए 5 वर्षों से ऊपर हो गया था और उनकी बहू को कोई भी संतान की प्राप्ति नहीं हुई थी, जिसकी वजह से वह बहुत परेशान थी और अपने पुत्र एवं बहू को कई डॉक्टरों के पास इलाज करा चुकी थी, उसके बाद भी उनको कहीं से संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई। कई जगह झाड़-फूंक भी करा चुकी थी, कई देवी-देवताओं के स्थान पर भी गई थी।
अंततः मेरे से अपने दुःख को केवल यह समझ कर कहने लगी कि हम पढ़े लिखे हैं तो अच्छे सुझाव जरूर देंगे और उस सुझाव से उनको लाभ प्राप्त होगा। इस बात को जब उन्होंने हमसे कहीं तो हम उन्हें एक देवी स्थान पर जाने की सुझाव दी और बोले कि आप बहुत सारे देवी-देवताओं के स्थान पर तो गई है, बहुत सारे डॉक्टर से भी इलाज करा चुकी है, झाड़-फूंक तो हुआ ही हैं पर आपको सफलता कहीं नहीं हुआ है। आज हम जहां कह रहे हैं वहां आप एक-दो दिन में जाइए और मन में कुछ भी सूचिएगा विचारीएगा मत, सिर्फ जाइएगा और जैसे नित्य दिन भगवान की प्रार्थना किया जाता है, वैसे ही कर लीजिएगा और वहां के जो भी फूल अक्षत होंगे, उसे प्रसाद रूप में लेकर के, मां के नाम लेकर के, ग्रहण कीजिएगा और पानी पी लीजिएगा लेकिन ध्यान रहे कि आप अपने मन से सारी बातें भूल जाना और इतना याद रखना कि मैंने जो कहा है, उस पर अटूट विश्वास बनाए रखना। मन में थोड़ा सा भी इधर-उधर की बात मत चलाना।

अब हम तो पढ़े लिखे थे और उसी बात को कर डाले थे, जिस बात से, जिस परिस्थिति से वह सारी गुजर चुकी थी। फिर भी फायदा नहीं हुआ था लेकिन पढ़े-लिखे होने के नाते हम जो सुझाव दिए, उस सुझाव पर अमल की और उस देवी स्थान पर गई जैसे मैंने कहा वैसे सारी प्रक्रिया करते हुए अपने घर आई।

जब दो-तीन माह बीता, तो मुझे मिठाई खिलाने पहुंची। मैंने समझा कि शायद उनके पुत्र बीच में बाहर गए थे, आए होंगे, उसी के प्रसाद है लेकिन वह अंदर से इतना खुश थी, पूछिए मत! और वह कहने लगी कि हमने तो बहुत सारे देवी-देवताओं पर माथा टेके थे, पर जो आपने बातें बताई, जो विश्वास की माला गढ़ी, वही विश्वास हमको कहीं नहीं हो रहा था लेकिन आपने जैसे ही कहा और उस पर मैंने विश्वास किया, आज हमारी बहू गर्भवती है और उसी के खुशी में हम प्रसाद आपको खिला रहे है।

मुझे भी इस बात विश्वास नहीं था कि मैंने जो कहा है, उस प्रक्रिया से उनको लाभ प्राप्त होगा, पर मेरे दिल के अंदर अचानक वह बात आई, मैंने कहा और उस बात को उन्होंने विश्वास पूर्वक निभाई और आज उसकी विश्वास सफल रहा।

यह सारी बातें विश्वास के ऊपर निर्भर करती है कि आप किस चीज में कितनी विश्वसनीयता रखते हैं और उस पर कितनी अपना आस्था जमाते हैं। जिस दिन आप अपना विश्वास पर अमल हो जाइएगा। उस दिन आपको हर चीज, हर समय पर प्राप्त हो जाएगा। बशर्ते आपकी विश्वास में कोई कमी न हो।
—————————-०००—————————–
लेखक : जय लगन कुमार हैप्पी
बेतिया, बिहार।

235 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इज़्ज़त
इज़्ज़त
Jogendar singh
रिश्ते अब रास्तों पर
रिश्ते अब रास्तों पर
Atul "Krishn"
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
हर तरफ भीड़ है , भीड़ ही भीड़ है ,
Neelofar Khan
बेफिक्री
बेफिक्री
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
*प्रणय*
"गुजारिश"
Dr. Kishan tandon kranti
आजा माँ आजा
आजा माँ आजा
Basant Bhagawan Roy
ग़म है,पर उतना ग़म थोड़ी है
ग़म है,पर उतना ग़म थोड़ी है
Keshav kishor Kumar
हर इश्क में रूह रोता है
हर इश्क में रूह रोता है
Pratibha Pandey
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
रमेशराज का हाइकु-शतक
रमेशराज का हाइकु-शतक
कवि रमेशराज
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
World News
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
Manju sagar
जीवन का हर पल बेहतर होता है।
जीवन का हर पल बेहतर होता है।
Yogendra Chaturwedi
देवर्षि नारद जी
देवर्षि नारद जी
Ramji Tiwari
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर  टूटा है
हाय री गरीबी कैसी मेरा घर टूटा है
कृष्णकांत गुर्जर
* खिल उठती चंपा *
* खिल उठती चंपा *
surenderpal vaidya
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
Vansh Agarwal
"अमरूद की महिमा..."
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
#गुप्त जी की जीवनी
#गुप्त जी की जीवनी
Radheshyam Khatik
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
""बहुत दिनों से दूर थे तुमसे _
Rajesh vyas
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
हर लम्हा दास्ताँ नहीं होता ।
sushil sarna
आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर
आजा मेरे दिल तू , मत जा मुझको छोड़कर
gurudeenverma198
2799. *पूर्णिका*
2799. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
अहंकार और संस्कार के बीच महज एक छोटा सा अंतर होता है अहंकार
Rj Anand Prajapati
Loading...