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13 Jun 2023 · 1 min read

विश्वासघात

सांस टूटी तो क्या टूटी,
असल में टूटा वह विश्वास जो हर सांस के साथ था।
घात लगाकर विश्वासघात करना तो गैरों की फितरत है,
विश्वास जीत कर घात करना अपनों की निकली।
आह, चीत्कार में न बदल जाए,
इसलिए गला ही दबा दिया।
नकाबपोश बेनकाब न हो जाए,
इसीलिए हमें पर्दानशीन कर दिया।
हम तो बेखुदी में तुम्हें खुदा कह गए,
खुमार उतरा तो एक जल्लाद का चेहरा नजर आया।
महफ़िल में खड़े हुए तो जाना,
हमारा कृष्ण ही दुशासन निकला।

Language: Hindi
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