विश्वासघाती
याद करो जब चीनी प्रधानमंत्री चाउ एन लाइ ने हाथ बढ़ाया था दोस्ती का।
गले मिले थे नेहरू से और दिया था नारा हिंदी चीनी भाई भाई का ।
फिर उस चीनी भाई ने घोपा छुरा पीठ पर अपने भाई के ।
धोखे मे रहा हिन्दुस्तानी भाई कुछ समझ न पाया इरादे चीनी भाई के।
फिर अचानक उस दग़ाबाज़ ने छेड़ी जंग हिंदुस्तान की जमीन हड़पने के लिए।
सकते में आया हिंदुस्तानी भाई तैयार न था इस अप्रत्याशित लड़ाई के लिए।
जब तक वह होश में आता खो चुका था अपनी जमीन का एक टुकड़ा और निछावर किये कई वीर मातृभूमि रक्षा के लिए।
कुटिल चीन ने तिब्बत को मिटाया उसकी जमीन पर कब्जा जमाया ।
और दलाई लामा को भगा भारत का शरणार्थी बनाया।
समय बीता हमने यह सब भुलाया।
कुटिल चीन ने मौका देख व्यापार की आड़ में दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
इस बार चीनी प्रधानमंत्री जिनपिंग भारत आया।
उसने भारत के प्रधानमंत्री मोदी से हाथ मिलाया।
नादान मोदी भी उसके इरादे ना जान पाया।
विश्व शक्ति बनने की होड़ में उसने कोरोना विषाणु निर्मित किया।
जिससे उसने इटली अमेरिका, स्पेन, फ्रांस ,ईरान , ऑस्ट्रेलिया को संक्रमित किया।
पर इस गोरखधंधे में उसने बड़ी तादाद में अपनों को भी गवाया।
पर इसे दुनिया से छुपाया और लाशों को अज्ञात स्थान पर दफनाया।
इटली अमेरिका स्पेन ऑस्ट्रेलिया फ्रांस में संक्रमण ने मौत का तांडव मचाया।
धीरे धीरे कोरोना संक्रमण ने पूरे विश्व में पैर पसारे।
जिससे अछूते नहीं रह पाए छोटे छोटे देश भी बेचारे।
भारत में फैला संक्रमण पहले विदेशों से आने वालों से बड़े शहरों में।
फिर धीरे धीरे फैला संक्रमण छोटे शहरों , कस्बों और फिर गांव गांव में।
मची फिर चारों तरफ त्राही त्राही।
बढ़ने लगी संक्रमित लोगों की संख्या और मौतों की भारी।
शासन कर रही उपाय दे रही सलाह संक्रमण को बढ़ने न दो बाहर न निकलो घर में बंद रहो।
दूरियां बनाए रखो स्वच्छता रखो बंद रखो सब मेल मिलाप यात्राएं रद्द करो।
सहयोग से संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी ।
और संक्रमण सीमित होने पर उससे लड़ने में कठिनाई न होगी।
अब समझो कौन है इस विनाश चक्र का जिम्मेवार।
जो अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए कर रहा यह नरसंहार।
जिसने फैला दी है मृत्यु की विभीषिका पूरे विश्व में।
और चुपचाप तमाशा देख रहा है बैठकर अपने घर में।
विश्व को भेड़ की खाल में छुपे इस भेड़िए को पहचानना होगा।
और उसके निकृष्ट कृत्य की भृर्त्सना कर उसके मंन्तव्य मे सफल न होने देना होगा।