विशेष दिन (महिला दिवस पर)
दिन तो सभी एक से होते हैं,
फिर क्यों किसी एक दिन को,
बना दिया जाता है विशेष,
सजा दिये जाते हैं मंच,
की जाती हैं चर्चाऐं,
प्रदान किये जाते हैं सम्मान, पुरस्कार,
आखिर किस लिए आयोजित होते हैं,
बड़े-बड़े समारोह व आयोजन,
क्यों, आखिर क्यों –
क्योंकि –
साल के अन्य दिनों में,
जिन्दगी रहती हैं अस्त-पस्त,
रोजमर्रा के कार्यों में व्यस्त,
तो –
चुन लिया जाता है एक दिन,
करने को आत्म-मंथन,
निज कर्मों का अवलोकन,
कहाँ थे, कहाँ पहुँचे, कहाँ पहुँचना है,
तोलने हेतु अपने पर,
खुले आसमान पर अपनी उड़ान,
प्रगति-पथ पर क्या हैं हमारे नये लक्ष्य,
क्या होना चाहिए हमारा स्थान, हमारी पहचान।
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- ०८.०३.२०१८.