Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 2 min read

विवाह की वर्षगांठ

20 वर्ष का साथ हमारा, लगता यूँ हैं अभी सुरू।
प्यार हमारा अभी जवां हैं, लगता यूँ हैं अभी सुरू।।
नौक झौक हैं खूब हमारी, पर आज सुरू और कल खत्म।
वाद विवाद भी चलते रहते, पर आज सुरू और कल खत्म।।
मिल कर हम दोनो को रहना, न प्यार खत्म ना तकरार खत्म।
वो जीवन भी क्या जीवन हैं, जहा प्यार खत्म तकरार खत्म।।
जीवन नाम हैं सुख-दुख का, मिल कर बाटे और काटे हम।
जीवन के दुख से डरे नही, मिल कर बाटे और काटे हम।।

20 वर्ष का साथ हुआ हैं, कैसे गुजरे इतने दिन।
अभी तो खुलकर मिले नही, कैसे गुजरे इतने दिन।।
दिया साथ जो तुमने मेरा, आभार उतारू कभी नही।
किया प्रेम जो तुमने मुझसे, आभार उतारू कभी नही।।
दया भाव जो भरा हैं तुझमे, लगता मुझको बहुत सही।
सेवा भाव का कायल मैं हूँ, लगता मुझको बहुत सही।।
मंजू बन कर आयी तुम थी, आँचल बन कर समा गई।
संकुचित हो कर आयी तुम थी, निर्भीक बन कर छा गई।।

20 वर्ष के साथ मे तुमने, जीवन पूर्ण किया हैं मेरा।
पितृ ऋण से उऋण करके, जीवन पूर्ण किया हैं मेरा।।
अदिति जैसी पुत्री देकर, पिता-पुत्री का प्रेम दिया हैं।
अर्ज अनमोल दो पुत्र दिये, पिता-पुत्र का प्रेम दिया हैं।।
सास ससुर की बेटा बनकर, पुत्र-वधु का फर्ज निभाया।
देश के प्रति प्रेम जो मेरा, उसमे मेरा साथ निभाया।।
कर्ज तुम्हारे उतार सकू मैं, ऐसा नही ललकार तुम्हारा।
फर्ज जो मेरे सदा निभाऊ, ऐसा ही ललकार तुम्हारा।।

20 वी है वर्षगांठ हमारी, मुबारक मुबारक प्राणप्रिये।
आशीष सभी का लेते रहना, सारांश यही है प्राणप्रिये।
==================================
“ललकार भारद्वाज”

Language: Hindi
1 Like · 241 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ललकार भारद्वाज
View all
You may also like:
गूगल
गूगल
*प्रणय प्रभात*
स्वार्थ
स्वार्थ
Neeraj Agarwal
दोहे
दोहे
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
होली है ....
होली है ....
Kshma Urmila
अब प्यार का मौसम न रहा
अब प्यार का मौसम न रहा
Shekhar Chandra Mitra
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो
gurudeenverma198
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
*श्री रामप्रकाश सर्राफ*
Ravi Prakash
क्या तुम कभी?
क्या तुम कभी?
Pratibha Pandey
#'सजल' एक जीवन परिचय
#'सजल' एक जीवन परिचय
Radheshyam Khatik
शब्द अनमोल मोती
शब्द अनमोल मोती
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
“की एक जाम और जमने दे झलक में मेरे ,🥃
“की एक जाम और जमने दे झलक में मेरे ,🥃
Neeraj kumar Soni
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
जगदीश लववंशी
ज़िंदगी मौत पर
ज़िंदगी मौत पर
Dr fauzia Naseem shad
मतदान और मतदाता
मतदान और मतदाता
विजय कुमार अग्रवाल
अधर्म का उत्पात
अधर्म का उत्पात
Dr. Harvinder Singh Bakshi
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
Shutisha Rajput
2942.*पूर्णिका*
2942.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*
*"हिंदी"*
Shashi kala vyas
"अभ्यास"
Dr. Kishan tandon kranti
संतान को संस्कार देना,
संतान को संस्कार देना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस दिन
उस दिन
Shweta Soni
धरा स्वर्ण होइ जाय
धरा स्वर्ण होइ जाय
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
वक्त की मुट्ठी में कैद मुकद्दर क्या है ?
ओसमणी साहू 'ओश'
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
सुबह की नींद सबको प्यारी होती है।
Yogendra Chaturwedi
गणेशा
गणेशा
Mamta Rani
हम
हम
Adha Deshwal
फूल अब शबनम चाहते है।
फूल अब शबनम चाहते है।
Taj Mohammad
Loading...