विराम चिह्न
विराम अर्थ होता है -‘रुकना’! बच्चों रखना ध्यान।
अभिव्यक्ति में ठहराव का करवाता यह भान।।
भाषा को जीवंत बनाता ‘विराम चिन्ह’ का ज्ञान।
‘विराम चिह्न’ के शुद्ध प्रयोग से आती भाषा में जान।।
तेरह भेद विराम चिह्न के सब का अपना स्थान।
भावपूर्ण मौलिक अभिव्यक्ति प्रकट करें विद्वान।।
होता है जब वाक्य पूरा लगता ‘पूर्ण विराम’।
रुकें यदि हम ‘अल्प’ वाक्य में, तब आए ‘अल्प विराम’।।
भ्रमित नहीं होना बच्चों सुनकर मिलते- जुलते नाम।
अधिक समय जब रुके वाक्य में तब आता
‘अर्ध विराम’।।
‘योजक चिह्न’ जो कि इंग्लिश में hyphen है कहलाए।
दो शब्दों के जोड़े बनाता सदा नजर यह आए।
सामाजिक पद,युग्म पुनुरुक्ति, तुलनावाचक सा,से,सी,
सार्थक- निरर्थक, सहचर शब्दों की शोभा यह बढ़ाए।।
कथन पूर्व, वक्ता के आगे लगता ‘निर्देशक चिह्न’।
थोड़ा सा है बड़ा ‘योजक’ से लेकिन रखे स्थान भिन्न।।
किसी भी प्रकार की सूची से पहले प्रयोग है इसका होता।
संवादों और निर्देशों का यह रहे प्राथमिक श्रोता।।
अगला चिह्न जो है बच्चो वह तुम सब का है प्यारा।
तुम सब की जागरूकता दर्शाता वह प्रश्न चिह्न है न्यारा।।
देख तुम्हारे कर्म क्रिया को जो भाव हैं मेरे आए।
उन भावों में हर्ष – विस्मय को विस्मयादि बोधक दर्शाए।
शब्द विशेष को दर्शाता है चिह्न ‘इकहरा उद्धरण’।
ज्यों की त्यों जब हो कथनी तो आए दोहरा उद्धरण।।
चलो करो अभ्यास ध्यान से ताकि शुद्ध हो भाषा।
अर्थ -अनर्थ नहीं होगा फिर यही है सब से आशा।
नीलम शर्मा ✍️