विराट अब विराट रूप दिखाओ
भारतीय टीम के लिए समर्पित एक कविता एक-एक किरदार के अनुसार
भारत को चाहिए अब “विराट”कप का सम्मान
जीत से ही शिर्ष”शिखर”पर होगा विराजमान
“रोहित”की राह नहीं रहेगी इतनी ज्यादा आसान
“महेंद्र”का हेलीकॉप्टर फिर से पकड़े नयी उड़ान
“हार्दिक”समाचार के निरंतर ही चलें अभियान
“विजय के शंकर”का तांडव देखे ये सारा जहान
“केदार”से निकलकर बाहर आयेंगे”जाधव”श्रीमान
“जसप्रीत”के तरकश से चलेगा यार्कर का अचूक बान
“कुलदीप”के सामने भारत के कुल का होगा नाम महान
“भुवनेश्वर”अपनी गेंद से विरोधियों का करें शरसंधान
“दिनेश”पर भरोसा दोनों क्षेत्रों में लगाये अपनी जान
“युजवेंद्र”की फिरकी से बल्लेबाजों के निकले प्रान
लवकुश के समान”लोकेश”को स्थापित करनी है पहचान
“रविन्द्र जडेजा”एक बार जम जा करें आप एहसान
भारत फिर चाहता है विश्व कप सर्वोच्च कीर्तिमान
तिसरी बार कप भारत लाओ”कोहली”मेरे कप्तान
यह “आदित्य”करता है केवल आपसे यही आह्वान
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सृजन
शुभकामनाओं के साथ
आदित्य कुमार भारती
टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग.