Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2024 · 1 min read

विरह व्यथा

विरह
मोह को
गहराता है
और मोह से
गहराता है
दुख

दुख से
दर्द
उपजता
है
और दर्द से
पसीजता है
दिल

पसीजे दिल
से रिसते हैं
आंसू और
आंसुओं की
धार से
उठता है धुआं

यही धुंआ
बनते
हैं बादल
जो जा कर
जमकर
बरसते हैं
पिया के देस

उस
धुआं धार
वर्षा को
देख धरा
कहती है
माटी से

“ज़रूर
दूर देस में
एक दिल
विरह
के दर्द
से
पसीजा
है.”

© मीनाक्षी मधुर
Image Source: Radha Krishna Aesthetic by Lalitha Murali on Pinterest

Language: Hindi
18 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

यही समय है!
यही समय है!
Saransh Singh 'Priyam'
तुम्हारा
तुम्हारा
Varun Singh Gautam
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
अगहन कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के
Shashi kala vyas
कहा जाता है
कहा जाता है
हिमांशु Kulshrestha
बाहर का मंज़र है कितना हसीन
बाहर का मंज़र है कितना हसीन
Chitra Bisht
जिंदगी की चाय
जिंदगी की चाय
पूर्वार्थ
4206💐 *पूर्णिका* 💐
4206💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
തിരക്ക്
തിരക്ക്
Heera S
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय*
नागरिकों के कर्तव्य।
नागरिकों के कर्तव्य।
Priya princess panwar
पास तो आना- तो बहाना था
पास तो आना- तो बहाना था"
भरत कुमार सोलंकी
*नारी सत्य शक्ति है*
*नारी सत्य शक्ति है*
Rambali Mishra
माँ मेरी जादूगर थी,
माँ मेरी जादूगर थी,
Shweta Soni
कृष्ण कन्हैया लाल की जय
कृष्ण कन्हैया लाल की जय
Vibha Jain
प्रेम
प्रेम
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
पितामह भीष्म को यदि यह ज्ञात होता
Sonam Puneet Dubey
कोश़िश
कोश़िश
Shyam Sundar Subramanian
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
तेरी महफ़िल में सभी लोग थे दिलबर की तरह
Sarfaraz Ahmed Aasee
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
तुम्हारे फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
बेटियां देखती स्वप्न जो आज हैं।
surenderpal vaidya
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
माँ सुहाग का रक्षक बाल 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
देह मन्दिर को बनाकर पुजता मैं प्रेम तेरा
देह मन्दिर को बनाकर पुजता मैं प्रेम तेरा
Harinarayan Tanha
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"एक पैगाम देश की मिट्टी के नाम"
Pushpraj Anant
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
“आँख खुली तो हमने देखा,पाकर भी खो जाना तेरा”
Kumar Akhilesh
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
*रे इन्सा क्यों करता तकरार*
Dushyant Kumar
हमराही
हमराही
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
कुछ तुम लिखो, कुछ हम लिखे
gurudeenverma198
मित्रों से अच्छा नहीं,
मित्रों से अच्छा नहीं,
sushil sarna
Loading...