*विभीषण (कुंडलिया)*
विभीषण (कुंडलिया)
मारा रावण यों गया, हुआ असुर का अंत
मिले दशानन के नगर, हनुमत को जब संत
हनुमत को जब संत, विभीषण सज्जन पाए
एक राक्षसों-बीच, देवता-से कहलाए
कहते रवि कविराय, बाण से अमृत हारा
मिला राम को भेद, इकत्तिस शर से मारा
शर = बाण
रचयिता रवि प्रकाश
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