Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Aug 2022 · 1 min read

विपक्ष की बुजदिली

विपक्ष की बुजदिली के कारण
सत्ता-पक्ष हुआ आदमख़ोर!
चुनी हुई चुप्पियों ने बनाया
हमारे लोकतंत्र को कमज़ोर!!
इन भ्रष्ट नेताओं ने रख दिया
खोखला करके इस देश को!
जनता आख़िर किसको चुने
यहां कोई लूटेरा तो कोई चोर!!
#प्रतिरोध #धरना #प्रदर्शन #आंदोलन
#हड़ताल #बगावत #इंकलाब #विपक्षी

Language: Hindi
146 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
Suryakant Dwivedi
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रवींद्र नाथ टैगोर
रवींद्र नाथ टैगोर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
होली आई रे
होली आई रे
Mukesh Kumar Sonkar
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
ग़ज़ल _ गुज़र गया वो ख्वाब था , निखर गया वो हाल था ,
Neelofar Khan
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
आता सबको याद है, अपना सुखद अतीत।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अगर भटक जाओगे राहों से, मंज़िल न पा सकोगे,
अगर भटक जाओगे राहों से, मंज़िल न पा सकोगे,
पूर्वार्थ
*गलतफहमी*
*गलतफहमी*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
2) भीड़
2) भीड़
पूनम झा 'प्रथमा'
ये कैसी आज़ादी
ये कैसी आज़ादी
Rekha Drolia
कितना प्यार
कितना प्यार
Swami Ganganiya
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
Radha Bablu mishra
साहित्य मेरा मन है
साहित्य मेरा मन है
Harminder Kaur
असर
असर
Shyam Sundar Subramanian
ईश्वर के ठेकेदार
ईश्वर के ठेकेदार
आकाश महेशपुरी
प्रलोभन
प्रलोभन
Rajesh Kumar Kaurav
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
एक दीप प्रेम का
एक दीप प्रेम का
Mamta Rani
डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं
डॉ0 रामबली मिश्र की रचनाएं
Rambali Mishra
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
पारले-जी
पारले-जी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गाॅंधीजी के सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए,
गाॅंधीजी के सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलना चाहिए,
Ajit Kumar "Karn"
सावन की बौछारों में ...
सावन की बौछारों में ...
sushil sarna
रात नहीं कहता
रात नहीं कहता
Sumangal Singh Sikarwar
चाय के दो प्याले ,
चाय के दो प्याले ,
Shweta Soni
4292.💐 *पूर्णिका* 💐
4292.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*चंदा (बाल कविता)*
*चंदा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
याद तो करती होगी
याद तो करती होगी
Shubham Anand Manmeet
Loading...