बगावत का बिगुल
अगर सोए हुए होते
तो जाग चुके होते
वे मरे हुए हैं जब
तो फिर जागें कैसे…
(१)
कौन उनका क़ातिल
और कौन मसीहा है
हश्र देखने से पहले
आखिर समझें कैसे…
(२)
सरकार की आंखों में
सीधे आंख डालकर
अपना हर अधिकार
उससे छिन लें कैसे…
(३)
सदियों से करते आए
जो दूसरों की गुलामी
आज़ादी का रहनुमा
उन्हें अब भाए कैसे…
Shekhar Chandra Mitra
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