विध्या धन नहीं चुरा सकता
चुरा सकते हैं , चोर बस आकर तेरा खजाना
लूट सकते हैं दुनिया वाले तेरा बना फ़साना
मार सकता हैं कोई किसी बेरहम को कभी भी
चलता आ रहा है लोगो यह चलन पुराना !!
हिम्मत रखो और सदा वो काम करो जिस से
हमेशा याद करता , रहे तुम को यह जमाना
लूटने को तो सिकंदर भी लूट चूका है लोगो के
खजानों को सब को बदहाल कर के यह जमाना !!
न ले जा सका वो धन अपने साथ बांध कर
अपने कफ़न की जेबों में शमशान की राख तक
इस से यह जान लो हराम का धन कमाना आसान
है, पर अंत समय उसको बस भोगे गा यह जमाना !!
विद्या का धन वो धन है, जिस की कोई बैंक लिमिट नहीं
जिस की न कर सका आज तक यहाँ ऍफ़ डी भी कोई
न लूट सका इस को आज तक कोई पोरस या सिकंदर
कुछ और छोड़ के जाना या न जाना, इसे(विद्या) जरूर छोड़ जाना !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ