विधा दोहे रक्षाबंधन
भाई पिता समान है ,कहती भारतभूमि।
प्यार भरे रिश्ते है ,हिन्द की है कर्मभूमि।।
पोहे अनगिनत मोती ,धागे है अनमोल।
बहना न माँगे गहना , रक्षा करोगे बोल।।
कच्चा धागा न समझना ,है पवित्र ये बन्धन।
बहन राखी है बाँधे ,रहे अटूट संबन्ध।।
सज्जो चतुर्वेदी**************शाहजहाँपुर