विधा दीपावली
**दीपावली **दीपों का त्यौहार घर को करें रोशनी से जगमग अमावसी रात उजाला चहुँ ओर–
धनतेरस धनलक्ष्मी बौछार।
नरकासुरवध नरकनिकार।
शाम नाली दीपक जलाएँ,
अमवस्या दीपकों की कतार।।
अँधेरे से उजाले का त्यौहार।
लक्ष्मीगणेश पे चढ़ाएं पुष्प हार।
खीले चीनी खिलौने से करें पूजा,
अल्पना बनाएं चौखट बहार।।
मिठाईखिला बढ़ाएं व्यवहार।
नमन करें बड़ेन यही संस्कार।
पटाखे जलाएं प्रदूषण मुक्त,
बच्चों संग रहे सब घरवार।।
सज्जो चतुर्वेदी******