विधा-चूरनवाला
बाल कविता_*चूरनवाला*
देखो चूरनवाला चूरन लाया ।
संग में रंगबिरंगी गोलियाँ लाया।।
कुछ खट्टी मीठी और तीखी लाया।
फिर ऊँचे स्वर में आवाज लगाया।।
मोटा सेठ निकलकर आया।
मुछें अँइठी रुआब दिखाया।।
अमीरों की गली तू कैसे आया।
गरीबों का पेट घसीटकर लाया।।
आधीरात बैठ पत्नी ने बनाया।
सवेरे बेचने हजमें की गोली लाया।।
इतने मे सेठानी लाली चुन्नू आया।
लाला जी ने आँख दिखलाया।।
सेठानी ने गोली का राज बताया।
चूरनवाले ने ठहाका लगाया।।
सेठ तिलमिला कर अंदर भागा।
चून्नू ने चूरन खा चटकारा लगाया।।
बच्चों सेठानी ने गोलियाँ बँधवाया।
चूरनवाले ने चूरन लो आवाज लगाया।।
सज्जो चतुर्वेदी*****