विधाता है हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं
किताबी ज्ञान ही केवलनहीं शिक्षक पढ़ाते हैं
बुराई से सदा बचकर हमें चलना बताते हैं
भरें ये ज्ञान से अपने हमारी रिक्त झोली को
विधाता हैं हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं
निराशा में दिये आशा भरे हमको जलाने हैं
अँधेरे हो घिरे कितने उजाले ढूंढ लाने हैं
बढ़ाते हौसला रहते हमें यह सीख दे देकर
बड़ी है बात यह शिक्षक हमें हमसे मिलाते हैं
विधाता है हमारे ये हमें जीना सिखाते हैं
हमें मॉ पाठ ममता, त्याग का पढ़ना सिखाती है
पिता की सीख जीवन भर हमारे काम आती है
पढ़ाते हैं हमें शिक्षक हमारे मार्गदर्शक बन
तभी तो मंजिलों की राह हो आसान जाती है
हमारी जिंदगी के ये बड़े अनमोल नाते हैं
विधाता है हमारे यह हमें जीना सिखाते हैं
हमें शिक्षक दिशा देकर भला करते हमारा हैं
फँसे मझदार में जब हम दिखाते ये किनारा हैं
सिखाते मुश्किलों से भी सदा हँसते हुए लड़ना
कहीं जब लड़खड़ाते तो हमें देते सहारा हैं
हमें गोविंद पाने का यही रस्ता बताते हैं
विधाता है हमारे यह हमें जीना सिखाते हैं
पुस्तक मेघ गोरे हुए सांवरेसे
डॉ अर्चना गुप्ता