Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2023 · 1 min read

विद्यापति धाम

हे आदिकवि विद्यापति धाम,
स्वीकार करो शत्-शत् प्रणाम,

कविवर की निर्वाण भूमि यह,
रज-रज में यहाँ शान्ति व्याप्त है,
कण-कण में यहाँ साक्षात् शिव हैं,
यह योगभूमि विद्यापति धाम,
स्वीकार करो शत्-शत् प्रणाम।

माता गंगा के धर्मपुत्र कवि,
अंत समय मिलने को आए,
अचल हुए जब इसी भूमि पर,
अविरल माँ आई इस धाम,
स्वीकार करो शत्-शत् प्रणाम।

महादेव के अनन्य भक्त कवि,
‘उगना’ बन शिव ने की चाकरी,
गंगा में जब समाधिस्थ हुए कवि,
प्रकट हुए ‘हर’ विद्यापति धाम,
स्वीकार करो शत्-शत् प्रणाम।

उगना-महादेव रूप प्रतिष्ठित,
महिमा उनकी है चहुँओर,
भक्त जनों के हृदय विराजित,
यह पुण्य भूमि विद्यापति धाम,
स्वीकार करो शत्- शत् प्रणाम।

मौलिक व स्वरचित
डॉ. श्री रमण ‘श्रीपद्’
बेगूसराय (बिहार)

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 576 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
View all
You may also like:
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
कुछ यक्ष प्रश्न हैं मेरे..!!
पंकज परिंदा
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
इंद्रदेव समझेंगे जन जन की लाचारी
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
"कटेंगे तो प्रसाद में बटेंगे,
*प्रणय*
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
*करिए गर्मी में सदा, गन्ने का रस-पान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
संविधान में हिंदी की स्थिति
संविधान में हिंदी की स्थिति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
नवीन और अनुभवी, एकजुट होकर,MPPSC की राह, मिलकर पार करते हैं।
पूर्वार्थ
क्या जनता दाग धोएगी?
क्या जनता दाग धोएगी?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अलविदा कह कर दिल टूट गया....
अलविदा कह कर दिल टूट गया....
Surya Barman
All you want is to see me grow
All you want is to see me grow
Ankita Patel
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
शेखर सिंह
स्वाभिमान की बात कर रहा,
स्वाभिमान की बात कर रहा,
Sanjay ' शून्य'
शीतलहर (नील पदम् के दोहे)
शीतलहर (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ज़माना साथ होगा
ज़माना साथ होगा
Surinder blackpen
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
आसमान की तरफ उगे उस चांद को देखना आप कभी।
Rj Anand Prajapati
अनमोल रतन
अनमोल रतन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
ख्वाब को ख़ाक होने में वक्त नही लगता...!
Aarti sirsat
लौट कर न आएगा
लौट कर न आएगा
Dr fauzia Naseem shad
" बेताबी "
Dr. Kishan tandon kranti
"अपनी शक्तियों का संचय जीवन निर्माण की सही दिशा में और स्वतं
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
कड़वा बोलने वालो से सहद नहीं बिकता
Ranjeet kumar patre
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
मन कहता है
मन कहता है
Seema gupta,Alwar
4473.*पूर्णिका*
4473.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
परिभाषा संसार की,
परिभाषा संसार की,
sushil sarna
।।  अपनी ही कीमत।।
।। अपनी ही कीमत।।
Madhu Mundhra Mull
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
बिना वजह जब हो ख़ुशी, दुवा करे प्रिय नेक।
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...