नया साल
विदा हो गया दो हज़ार तेईस देकर हमको कुछ अच्छे और कुछ बुरे व्यवहार।
भुला देना हर गलती उसकी जाने अनजाने में यदि कर बैठा कोई तुमसे यार।।
आओ आओ सब मिलजुलकर नये साल में करते है फिर से नई शुरूआत।
सिर्फ़ ख़ुशियों को जगह दो दिल में, और बंद कर दो दुखों के सारे द्वार।।
नया वर्ष है नये लक्ष्य होंगे और जीवन में तुम्हारे आयेंगे नये दोस्त नये रिश्तेदार।
कारोबार में हो बढ़ोतरी भर भर कर और नौकरी में खुलेंगे उन्नति के द्वार।।
नये आयाम सब करें स्थापित और कोई कठिनाई ना बने रास्ते का रोड़ा यार।
घर घर में हो ख़ुशियों का डेरा और नये साल में हर घर में लगें ख़ुशी के बंदनवार।
नये सदस्यों का करो आगमन नये साल में दिल से हमारी तो दुआ है सबके लिए यार।।
कहे विजय बिजनौरी जीवन में मिलेंगे व्यक्ति अच्छे दो तो बुरे भी चार।
बुरों से रहो संभल कर जीवन भर और अच्छों से मिलते रहो तुम बारम्बार।।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी