#विदाई_____
विदा किससे लूँ मै,
अपने आने की ख़ुशी में,
इस मालिक की रहमत कि,
लाई गई, इस मायावी संसार में,
बहुत दुर्लभ है, इस योनि में आना,
सर्वश्रेष्ठ प्राणी बनना l
पूरे करने है, ईश्वर के प्रति कर्म,
इस कायनात को समझना है,
निस्वार्थ सब कार्य करने है,
सीखना है, मूक भाषा,
जो सारी कायनात कर रही है l
ये पर्वत, चाँद, सितारे, सूरज,
यह वादियाँ, नदियाँ, वृक्ष, पौधे,
.
जो न बोलकर भी, बहुत कुछ करते है,
अर्पण करना सीखना है,.. इस कायनात से,
जो सिर्फ देना ही जानते है, बिना किसी उम्मीद से,
हाँ तब लुंगी, विदाई, इस संसार से,
#क्यूँकि_बिना_विदाई_के_ नहीं होगा मिलन उस ईश्वर से 🙏
#_शीमा