विदाई – एक नई शुरुआत
बीत गया वक़्त और बीत गया ज़माना,
हो गया आपका हमारा मिलन पुराना।
आपकी सुन्दरता और सरल स्वभाव,
नहीं है किसी भी गुण का अभाव।
जो भी लिया हाथ में काम,
पूरा किया उसे लगा जी-जान।
नया सीखने की थी इतनी इच्छा,
चाहे वो हो कंप्युटर या कोई काम अच्छा।
हो आप एक मिसाल, सबके लिए,
कैसे करना हर काम, सीख है छोटो के लिए।
जब हम मिले, थे दिल से दिल जुड़े,
तब ना था पता, कि रिश्ते बनेंगे इतने बड़े।
साथ-साथ देखे जीवन के उतार-चढ़ाव,
कभी मुझे सिखाया, कभी मुझसे सीखा।
कब एक सीनियर साथी से बन गई दीदी,
रिश्ते कभी हुए टेढ़े, कभी हुई लकीर सीधी।
आपके बिना कैसे लगेगा ये स्कूल और घर,
कहना है मुश्किल और सोचकर लगता है डर।
याद बहुत आओगे स्कूल में, जब भी लिखी जाएगी कोई खबर,
घर के हर प्रोग्राम में, हम सब करेंगे याद हर वक़्त।
आपके लिए सब लिखना है बहुत मुस्किल,
क्यूंकि हर भावना शब्दों में नहीं हो सकती व्यक्त।
बस इतना ही कहना चाहूँगी, आप स्वस्थ रहें,
खुश और संतुष्ट जीवन यापन करें।
हमें याद करें, आशीर्वाद दें, जब याद आये तो बस एक फोन करें।
ये परिवार आपका है, भूल-चूक माफ़ करें,
अच्छी यादों के साथ, हम सब को विदा करें।
ये विदाई आपकी नहीं, हम सबकी है,
आपके साथ से, आपके काम से,
आपके सरल स्वभाव से, और आपके प्यार से।