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अविश्वास के जिस्म को
शब्दों का पहनाकर
अपारदर्शी जामा
कहीं उभार
कहीं श्वेत सौन्दर्य का
भ्रम पाल देना।
करना जुगाली शब्दों की।
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अविश्वास के जिस्म को
शब्दों का पहनाकर
अपारदर्शी जामा
कहीं उभार
कहीं श्वेत सौन्दर्य का
भ्रम पाल देना।
करना जुगाली शब्दों की।
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