विज्ञान क्या है ?
विशेष ज्ञान की विशेषज्ञ हो तुम,
दलदल में खिली सुंदर कुमदिनी हो तुम ।
सोअहम् , अहं ,ब्रह्म़ास्मि की अनुभूति ही ज्ञान है।
इसकी मानव जगत् को अनुभूति
कराना ही विज्ञान है।
विज्ञान करता है प्रमाणों में विश्वास,
सत्यपथ गामिनी तुम बढ़ाओ अपना।
आत्म विश्वास।
आत्मा अमर,मरण सील काया ,
यही ज्ञान वेदों पुराणों ने गाया।
विज्ञान कहता है सदुपयोग ही सुख है,
दुरूपयोग ही दुख है।
सुविधा से सुख नहीं, सामान से सम्मान नहीं
समाधान में, सुख की निरंतरता में, विश्वास करो
जीवन जीओ उल्लास से जिओ ।
तुम्हारा हर दिन विजय दशहरा हो,
हर रात दिवाली हो ।