Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Mar 2024 · 1 min read

विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,

विज्ञान का चमत्कार देखो,विज्ञान का चमत्कार देखो,
जैसे जैसे समय बचाने की नई नई तकनीक आती जा रही है,
हम और अधिक व्यस्त होते जा रहे है।
पहले चिट्ठी लिखने में घंटों लगते थे,अब एक क्लिक में संदेश दुनिया भर में पहुंच जाता है।
पहले घंटों पैदल चलना पड़ता था,अब गाड़ियां और हवाई जहाज हमें मिनटों में दूर ले जाते हैं।
पहले घर के कामों में घंटों लगते थे,अब मशीनें सब काम मिनटों में कर देती हैं।
लेकिन क्या सचमुच हम समय बचा रहे हैं?
या हम बस और अधिक व्यस्त हो रहे हैं?
सोशल मीडिया, ईमेल, और नॉन-स्टॉप सूचनाओं की दुनिया में,
हम शांति और एकाग्रता खो रहे हैं।
हम हमेशा “जल्दी में” रहते हैं,हमेशा “कुछ न कुछ” कर रहे होते हैं।
लेकिन क्या हम कभी रुककर सोचते हैं कि हम क्या कर रहे हैं?
क्या हम सचमुच जो कर रहे हैं उसका आनंद ले रहे हैं?
शायद हमें समय बचाने की तकनीक से थोड़ा पीछे हटने की जरूरत है,
और अपने जीवन में थोड़ा “समय” लाने की जरूरत है।
हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने की जरूरत है,
अपनी हॉबीज के लिए समय निकालने की जरूरत है,
और बस आराम करने और जीवन का आनंद लेने की जरूरत है।
क्योंकि समय सबसे कीमती चीज है जो हमारे पास है,
और हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।

320 Views

You may also like these posts

साँची सीख
साँची सीख
C S Santoshi
सीख गांव की
सीख गांव की
Mangilal 713
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*प्रणय*
ज्योति : रामपुर उत्तर प्रदेश का सर्वप्रथम हिंदी साप्ताहिक
ज्योति : रामपुर उत्तर प्रदेश का सर्वप्रथम हिंदी साप्ताहिक
Ravi Prakash
मां!क्या यह जीवन है?
मां!क्या यह जीवन है?
Mohan Pandey
शिव
शिव
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
भिनसार हो गया
भिनसार हो गया
Satish Srijan
परमसत्ता
परमसत्ता
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
Fitoor
Fitoor
A A R U
"कभी-कभी"
Dr. Kishan tandon kranti
*घर आँगन सूना - सूना सा*
*घर आँगन सूना - सूना सा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम्हारा नाम
तुम्हारा नाम
अंकित आजाद गुप्ता
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
Phool gufran
*मौन*
*मौन*
Priyank Upadhyay
आज कल परिवार में  छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
आज कल परिवार में छोटी छोटी बातों को अपने भ्रतिक बुद्धि और अ
पूर्वार्थ
जीने को बस यादें हैं।
जीने को बस यादें हैं।
Taj Mohammad
वीर पुत्र, तुम प्रियतम
वीर पुत्र, तुम प्रियतम
संजय कुमार संजू
तुर्की में आए भूकंप पर मेरे विचार
तुर्की में आए भूकंप पर मेरे विचार
Rj Anand Prajapati
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
धड़कन हिन्दुस्तान की.........
sushil sarna
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
जो घटनाएं घटित हो रही हैं...
Ajit Kumar "Karn"
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
Neeraj kumar Soni
2913.*पूर्णिका*
2913.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निभाना आपको है
निभाना आपको है
surenderpal vaidya
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कोशिशों  पर  यक़ी  करो अपनी
कोशिशों पर यक़ी करो अपनी
Dr fauzia Naseem shad
संवेदना का प्रवाह
संवेदना का प्रवाह
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
पवित्रता
पवित्रता
Rambali Mishra
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
दिल से दिल गर नहीं मिलाया होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
- क्या कहना -
- क्या कहना -
bharat gehlot
Loading...