” विचित्र रोग “
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
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कखनहूँ एहि करोट ,
कखनहूँ ओहि करोट ,
कछ्मछ करैत छी ,
बपाही -बपाही करैत छी !!
माय ये .. बाबू यो
आब नहि बाचब ,
प्राण अबग्रह मे अछि ,
घरक लोग सब
आबि गेलाह ,
सब हक्रोश करय लगलाह !
कियो माथ मे कडू
तेल द देलनि ,
आ मालिश करय लगलाह
कियो तर्हथ्थी घसय लगलाह !
कियो जोर सं
कहलेनि ..
“किया ठाड़ छह तू
तरबा रगड़ न ,
किछु हम सब बुझिते नहि छी
लाल कार्ड ..आयुष्मान कार्ड
लाल कका रखने कत छी ?”
एतबे डॉक्टर एलाह ,
जाँच सब स्वयं केलाह ,
रोग इ विचित्र छल !
पेट मे ‘सी ० ए ० ए ० आ
एन ० आर ० सी ०
क कैंसर छल !!
आब एहि कैंसर कें इलाज क
भांज कोनो नहि भेट रहल
“ओंकोलोगिस्ट “आब उपचार सं
अप्पन मुंह फेरि रहल !!
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डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड
भारत