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14 Jul 2021 · 1 min read

” विचित्र परिपाटी “

” विचित्र परिपाटी ”
=============
फेसबुक के माध्यम से
हम लाखों से जुड़ जाते हैं ,
अपने विचारों , अपनी भावनाओं
को लोगों तक पहुँचाते हैं !!
हमें यह ज्ञात है, आभास है
विचारों में विभेद हो सकता है ,
पर हर्ज क्या है किसी की बात सुनने में
कहीं इस में छुपा कोई राज हो सकता है !!
कुछ आप लिखें ,कुछ हम लिखें
अच्छी चीजों को सराहें ह्रदय से ,
जो अटपटी लगे ,आहत करे ,अस्वीकार्य हो
उसे हम त्याग दें अपने समय से !!
=============================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
दुमका

Language: Hindi
157 Views
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