विचार
विचार
क्रोध , मनुष्य के भीतर विद्यमान संवेदनाओं एवं मनुष्यतापूर्ण विचारों का नाश कर देता है साथ ही यह मनुष्य को अहिंसा से हिंसा की ओर धकेल जीवन को नरक बना देता है |
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
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क्रोध , मनुष्य के भीतर विद्यमान संवेदनाओं एवं मनुष्यतापूर्ण विचारों का नाश कर देता है साथ ही यह मनुष्य को अहिंसा से हिंसा की ओर धकेल जीवन को नरक बना देता है |
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”