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6 Dec 2024 · 1 min read

विचार

विचार

दिशाहीन मार्ग पर चलने से मंजिल की प्राप्ति की कल्पना करना व्यर्थ है ठीक उसी तरह जैसे कुमार्ग पर चलकर मोक्ष की प्राप्ति की कल्पना करना l

अनिल कुमार गुप्ता अंजुम

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