विचार
विचार
ग़मों का भी अंत होता है एक दिन और उसके बाद फिर एक नई सुबह खुशियों का कारवाँ रोशन कर देती है | इसलिए परिस्थितियाँ कैसी भी हों , थोड़ा सा धैर्य रखकर एक नई सुबह का इन्तजार करना बेहतर है |
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “
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ग़मों का भी अंत होता है एक दिन और उसके बाद फिर एक नई सुबह खुशियों का कारवाँ रोशन कर देती है | इसलिए परिस्थितियाँ कैसी भी हों , थोड़ा सा धैर्य रखकर एक नई सुबह का इन्तजार करना बेहतर है |
अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम “