विचार : मेरे अंदर का शून्य
मुझे मेरे अंदर का शून्य साफ साफ दिखाई देता है जब भी मैं प्रकृति के बीच होता हूं, और शून्य की ताकत से तो दुनिया वाक़िफ़ है। शून्य किसी को भी बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा बनाने की हैसियत रखता है।
– विवेक जोशी ” जोश “
मुझे मेरे अंदर का शून्य साफ साफ दिखाई देता है जब भी मैं प्रकृति के बीच होता हूं, और शून्य की ताकत से तो दुनिया वाक़िफ़ है। शून्य किसी को भी बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा बनाने की हैसियत रखता है।
– विवेक जोशी ” जोश “