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30 Apr 2020 · 1 min read

#विचारसागर “अफ़साना”

मन की तनहाईयों में
हर लम्हे में है छिपा
कोई अफ़साना

दिल की गहराइयों से
तमन्ना तो थी बहुत
हाल ए दिल
सुनाने की उन्हें

उसके पहले पेश किया
खिदमत में ऐसा नज़राना
तरन्नुम में शामिल किया पिरोना

महफ़िल में फिर हुआ आग़ाज़
एक नया अफ़साना
संग लिए प्यार का तराना
मुकद्दर में लिखा यही फ़साना
जिसे याद करेगा सारा ज़माना

आरती अयाचित
स्वरचित एवं मौलिक
भोपाल

Language: Hindi
3 Likes · 575 Views
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