Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2024 · 1 min read

विचलित

विचलित है तन , मन भ्रमित है
साँसे चलती धड़कन वंचित है

शोर खामोशी का उठता हर पल
इस दिल से अब ना वो परिचित है

हृदय में हरदम है तूफान भरा
मन क्यों उदास और मूर्छित है

मंजर सुनसान पड़ा,रास्ते चोटिले हैं
मन में ख्वाबों का समुन्दर,कल्पित है

टूटा है दिल, सपने भी क्रन्द्न करते हैं
एकाकी है जीवन,मन अब सुख रहित है

ममता रानी
रामगढ़

Language: Hindi
45 Views
Books from Mamta Rani
View all

You may also like these posts

3296.*पूर्णिका*
3296.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कैसी ये पीर है
कैसी ये पीर है
Dr fauzia Naseem shad
तेरे कदमो की आहट ने
तेरे कदमो की आहट ने
योगी कवि मोनू राणा आर्य
प्रकाश परब
प्रकाश परब
Acharya Rama Nand Mandal
छप्पय छंद विधान सउदाहरण
छप्पय छंद विधान सउदाहरण
Subhash Singhai
सुबह का मंजर
सुबह का मंजर
Chitra Bisht
भारत माता की संतान
भारत माता की संतान
Ravi Yadav
sextual education सही ज्ञान बहुत जरूरी है इस आधुनिक युग में
sextual education सही ज्ञान बहुत जरूरी है इस आधुनिक युग में
पूर्वार्थ
ग़ज़ल होती है
ग़ज़ल होती है
Anis Shah
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
संवेदनाओं में है नई गुनगुनाहट
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
आदमी क्यों  खाने लगा हराम का
आदमी क्यों खाने लगा हराम का
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अच्छा नहीं लगा
अच्छा नहीं लगा
विक्रम कुमार
” सपनों में एक राजकुमार आता था “
” सपनों में एक राजकुमार आता था “
ज्योति
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
मेला लगता तो है, मेल बढ़ाने के लिए,
Buddha Prakash
मातु शारदे
मातु शारदे
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
कलयुगी संसार
कलयुगी संसार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
*सकल विश्व में अपनी भाषा, हिंदी की जयकार हो (गीत)*
Ravi Prakash
" जीत "
Dr. Kishan tandon kranti
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
#आत्मीय_मंगलकामनाएं
*प्रणय*
मेरे कमरे में बिखरे हुए ख़त
मेरे कमरे में बिखरे हुए ख़त
हिमांशु Kulshrestha
आके चाहे चले जाते, पर आ जाते बरसात में।
आके चाहे चले जाते, पर आ जाते बरसात में।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Rashmi Sanjay
#मुझे ले चलो
#मुझे ले चलो
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
स्वर्णपरी🙏
स्वर्णपरी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
माए
माए
श्रीहर्ष आचार्य
योग प्राणायाम
योग प्राणायाम
surenderpal vaidya
संतोष
संतोष
Manju Singh
Loading...