स्कूल का दोस्त
जब विक्की था, दोस्ती एक सपना थी,
जब दोस्ती हुई, विक्की एक जमाना हुआ।
जब विक्की साथ मे था, तो उससे दूर रहना अच्छा लगता था,
आज विक्की दूर है तो मिलने की तड़प जगाती रहती है।
कभी विक्की से छिप छिप कर चीजे खाना पसंद था,
आज विक्की के हाथो से खाना अच्छा लगता है।
स्कूल तथा गाँव मे जिसके साथ इतना झगड़ा
आज उसके लिए ही रचना रचाता हुँ।
खुशी किसमे होती है, यह पता अब चला,
विक्की क्या था, इसका अहसास अब हुआ।
I miss you
मेरे स्कूल की जिंदगी का स्थूल
बचपन का खेल
दोस्त के होंठो की हँसी
यार के आँख का आंसू
छोटी खुशीयो का पिटारा
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विक्की दोस्त
आपका अपना
लक्की सिंह चौहान
ठि.:- बनेड़ा(राजपुर), भीलवाड़ा, राजस्थान