विकास या खच्चीकरण
एक समाज का जब किया जाता है उद्धार.
तो दुसरे समाज को किया जाता है निराधार.
एक समाजका किया जाता है जब उदात्ती करण.
तब दुसरे समाजका किया जाता है खच्चीकरण.
अविकसितो का किया जाता है विकास.
तो विकसितो का किया जाता है ऱ्हास.
अविकसितो का उत्थान और विकसीतो का पतन.
युगो युगो से चलता आ रहा है ये राजकारण.
दलितो का किया जाता है एक ओर उत्थान.
तो दुसरी ओर किये जाते है नवदलित निर्माण.
दलितो की निर्मिती और उनका विकास…
युगो युगो से चलता आया है ऐसा ही प्रयास.
क्युकी समाज मे अगर नही रहे दलित.
तू किसको किया जायेगा पुन्हा विकसित
. विकास की कैसी है ये अजब गजब रीत.
एक होता है विकसित तो दुसरा बन जाता है.