विकास का पंछी
हमारे देश के सियासत दारों को आपस में लड़ने ,उलझने ,शिकवा-शिकायत करने और एक दुसरे की टांग खींचने से ही फुर्सत नहीं मिलती .
देश के अहम मसले यह क्या सुलझाएंगे . बात करते है देश में विकास को लाने की . कहाँ से लायेंगे ? कैसे लायेंगे ? लायें तो पता तो चले ! कैसा दीखता है विकास ?किस चिड़िया या बन्दे का नाम है विकास ? जो हमारे नेताओं की तिजोरी में बंद है. जो कैद से बाहर आने को छटपटा रहा है बेचारा !