वास्ता टूट गया
दीया जलाने लगे
आजकल हम आंधी में
आग बुझती ही नहीं
जो लगी है पानी में
सत्य छुपता नहीं है
झूठ की कहानी में
सर झुकता नहीं है
किसी से अभिमानी में
वास्ता टूट गया मेरा तेरा
इक नादानी में
रह गई बातें फकत जुबा पर
इक कहानी में
रीता यादव