– वास्तविकता –
– वास्तविकता –
लोग करते है दिखावा आजकल,
होता कुछ नही पर दिखाते है बहुत सा,
दूसरी की संपति को अपना बताकर करते है छलावा,
लोगो को लूटने का करते है इंतजाम,
उनकी वास्तविकता से सीधा साधा इंसान रहता है अनजान,
वे फरेबी लोग सीधे साधो से छलावा करते है,
अपने मन में खुश होते है जब दुसरो को अंदर से रुलाते है,
वे होते कोई गैर अपनो के हाथ,
वो गला घोटते अपनो का देते नही कभी अपनो का साथ,
दुख में होते दूर सदा सुख में है सदा ही पास,
यही जीवन की वास्तविकता भरत,
गहलोत यही जीवन में त्रास ,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान