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22 May 2021 · 1 min read

वास्तविकता

वास्तविकता से… परे हो तुम…
सुख-सुविधा से… परे हो तुम ॥

महत्व-अमहत्व… कुछ भी नहीं…
इस दुविधा से… परे हो तुम ॥

क्या बिगाड़ेंगी… मेरा परिस्थिति…
साँसों की स्पर्द्धा से… परे हो तुम॥

जीवन काल का… कठिन समय…
समय का इक… आराम हो तुम ॥

मेरी ही तरह से… दिखने वाले…
बस केवल इक… इंसान हो तुम ॥

मैं कवि हूँ… मेरा सम्मान हो तुम…
मैं शून्य हूँ… मेरी पहचान हो तुम ॥

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 527 Views

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