Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Oct 2019 · 2 min read

वास्तविकता

संस्कार आदर्श नीति चरित्र सब बातें भूख के सामने थोथी लगती है।
क्योंकि भूखे पेट के सामने केवल दो रोटी जुटाने का लक्ष्य ही सर्वोपरि होता है ।
जिस के प्रयास में वह अपने ज़मीर को दबाता है । नीति और आदर्शों की आहुती देता है ।
अपने अंतर्निहित संस्कारों तक को दांव पर लगा देता है ।
क्योंकि भूखे पेट रहने की कल्पना उसे मजबूर करती है ।
दो रोटी हासिल करने का जुनून उसमें छिपी मानवता का गला घोंटती है ।
उसे प्रकृति के नियम अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्ष का बोध कराती है ।
उसमे छुपा पशु उसे मुखौटे पहनकर जीवन रंगमंच पर कलाबाजियाँ खाने को बाध्य करता है ।
वह भी शामिल होता है राह में चलती भीड़ में इस बात से बेखबर की रास्ता कहां जाएगा ।
शायद उसकी सोच में भीड़ की मनोवृत्ति हावी हो चुकी है ।
कि जब इतने लोग साथ हैं तो कहीं ना कहीं पहुंचेंगे अवश्य ।
भीड़ में भी वह आगे निकलने की कोशिश करता है।
उसे पता नहीं कि लड़खड़ा कर गिरने पर भीड़ के लोग उसे रौंद कर निकल जाएंगे ।
उसे थामने और उठाने वाला कोई नहीं होगा ।
क्योंकि भीड़ के सभी लोग उसके प्रतिरूप हैं ।
जिन्होंने उसी की तरह दो रोटी जुटाने की खातिर अपनी आत्मा को दबाकर ।
नीति और आदर्शों को पेट की आग में जला कर।
मानवता का गला दबाकर एक दूसरे से आगे निकलने की चेष्टा में ।
अपने संस्कारों को दांव पर लगाकर हार चुके हैं ।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 200 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
दुश्मन
दुश्मन
Dr.Pratibha Prakash
ट्रेन संख्या १२४२४
ट्रेन संख्या १२४२४
Shashi Dhar Kumar
****माता रानी आई ****
****माता रानी आई ****
Kavita Chouhan
இவன்தான் மனிதன்!!!
இவன்தான் மனிதன்!!!
Otteri Selvakumar
किससे कहे दिल की बात को हम
किससे कहे दिल की बात को हम
gurudeenverma198
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
कहते हैं  की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
कहते हैं की चाय की चुस्कियो के साथ तमाम समस्या दूर हो जाती
Ashwini sharma
अगर कभी मिलना मुझसे
अगर कभी मिलना मुझसे
Akash Agam
"झूठी है मुस्कान"
Pushpraj Anant
चांद शेर
चांद शेर
Bodhisatva kastooriya
3176.*पूर्णिका*
3176.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*** होली को होली रहने दो ***
*** होली को होली रहने दो ***
Chunnu Lal Gupta
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
नदी की बूंद
नदी की बूंद
Sanjay ' शून्य'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
माटी तेल कपास की...
माटी तेल कपास की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
एहसास
एहसास
भरत कुमार सोलंकी
रिश्तों का खेल
रिश्तों का खेल
पूर्वार्थ
बुढ़ापा
बुढ़ापा
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
*सब से महॅंगा इस समय, पुस्तक का छपवाना हुआ (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बदलते मूल्य
बदलते मूल्य
Shashi Mahajan
अछूत....
अछूत....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*जीवन को सुधारने के लिए भागवत पुराण में कहा गया है कि जीते ज
*जीवन को सुधारने के लिए भागवत पुराण में कहा गया है कि जीते ज
Shashi kala vyas
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
आतंकवाद सारी हदें पार कर गया है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुस्कान
मुस्कान
Santosh Shrivastava
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
वो तारीख़ बता मुझे जो मुकर्रर हुई थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
🙅आज का सवाल🙅
🙅आज का सवाल🙅
*प्रणय प्रभात*
रिश्ता एक ज़िम्मेदारी
रिश्ता एक ज़िम्मेदारी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...