Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jan 2021 · 2 min read

वार्तालाप

समय ने नियति से कहा , तू सब कुछ करती है,
लोग नाहक मुझे दोष देते हैं ,
नियति बोली , मैं कुछ भी अपनी मर्जी से नही करती ,
सृष्टि रचयिता मुझे ये सब करने को कहते हैं ,
मैं तो उनके आदेश का पालन करती हूं ,
अपनी ओर से उसमें कुछ ना जोड़ती हूं ,
समय ने कहा , मेरा काम है निर्बाध गति से चलना पर तू मेरी राह में बाधा उत्पन्न ना करना ,
नियति ने कहा , मुझे तो रचयिता के आदेश पर , पृथ्वी में जीवन के अस्तित्व का है संतुलन करना ,
मानवरूपी प्राणी जो है , अपने दंभ में अन्य प्राणियों का अस्तित्व भूल चुका है ,
अपने द्वारा बनाई विनाश लीला में खुद ही उलझ चुका है ,
उसने विनाश के लिए एटम बम, रासायनिक बम ,और अब जैविक विषाणु बनाकर अपने ही विनाश का कारक बनाया ,
यहां तक कि अपने ही प्रतिरूप की रचना कर मानव रूपी क्लोन बनाया ,
उसने पृथ्वी में जैविक उत्पत्ति के प्राकृतिक नियम का उल्लंघन कर रचयिता को रुष्टकर अपने ही विनाश को बुलाया ,
प्राकृतिक संपदाओं का निरंतर निष्ठुर दोहन कर उन्हें अस्तित्व विहीन बनाया ,
पृथ्वी में अन्य जीवो का नाश कर उनके अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाया ,
उसने अपरिमित आकांक्षाओं से पृथ्वी ही नहीं अन्य ग्रहों में अपना अस्तित्व जमाने का दुस्साहस जताया ,
सृष्टि रचयिता को रुष्ट कर मानव ने स्वयं ही अपने कर्मों से काल को बुलाया ,
नियति बोली इसमें मेरा कोई हाथ नहीं ,
मैं तो अकिंचन आदेशपालक काल के साथ नहीं ,
समय ! तुम्हारी अनवरत बढ़ते रहने की प्रकृति सतत् ,
मैं नियती ! अपने आदेश निर्वाह में संलग्न निष्ठावान सतत् ,
हम क्यों व्यर्थ आपस में वाद-विवाद करें ,
जिसके जैसे कर्म है वैसा वो भुगतेगा हम क्यों चिंता करें ,

Language: Hindi
3 Likes · 14 Comments · 300 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
विचारिए क्या चाहते है आप?
विचारिए क्या चाहते है आप?
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
क्या अच्छा क्या है बुरा,सबको है पहचान।
Manoj Mahato
जीवनमंथन
जीवनमंथन
Shyam Sundar Subramanian
When you become conscious of the nature of God in you, your
When you become conscious of the nature of God in you, your
पूर्वार्थ
धर्म की खूंटी
धर्म की खूंटी
मनोज कर्ण
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
Ajit Kumar "Karn"
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
धेनु चराकर सोचते, प्यारे नंद किशोर (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हम तुम्हें
हम तुम्हें
Dr fauzia Naseem shad
खामोश
खामोश
Kanchan Khanna
उलझनों से भरी इस दुनिया में
उलझनों से भरी इस दुनिया में
Ranjeet kumar patre
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
तू ही मेरी चॉकलेट, तू प्यार मेरा विश्वास। तुमसे ही जज्बात का हर रिश्तो का एहसास। तुझसे है हर आरजू तुझ से सारी आस।। सगीर मेरी वो धरती है मैं उसका एहसास।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नश्वर तन को मानता,
नश्वर तन को मानता,
sushil sarna
"PERSONAL VISION”
DrLakshman Jha Parimal
समझौते की कुछ सूरत देखो
समझौते की कुछ सूरत देखो
sushil yadav
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3315.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
एक महिला की उमर और उसकी प्रजनन दर उसके शारीरिक बनावट से साफ
Rj Anand Prajapati
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
तेवरी में करुणा का बीज-रूप +रमेशराज
कवि रमेशराज
उल्लास
उल्लास
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
रग रग में देशभक्ति
रग रग में देशभक्ति
भरत कुमार सोलंकी
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
या देवी सर्वभूतेषु विद्यारुपेण संस्थिता
Sandeep Kumar
सोच और हम
सोच और हम
Neeraj Agarwal
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
कहने   वाले   कहने   से   डरते  हैं।
कहने वाले कहने से डरते हैं।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"उम्र"
Dr. Kishan tandon kranti
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
मातृ भाव और मैत्री भाव जिसके भी मन में वास करता है , वह किसी
Sonia Pant
((((((  (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
(((((( (धूप ठंढी मे मुझे बहुत पसंद है))))))))
Rituraj shivem verma
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
स्मृति-बिम्ब उभरे नयन में....
डॉ.सीमा अग्रवाल
आदि गुरु शंकराचार्य जयंती
आदि गुरु शंकराचार्य जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
ऐ ख़ुदा इस साल कुछ नया कर दें
Keshav kishor Kumar
Loading...