वायु प्रदूषण
बड़े शहरों में सांस लेना कठिन हो गया,
वायु प्रदूषित हो गई।
अति-विकास, अनियंत्रित निर्माण तथा,
अवैध उत्खनन ने भूमि उजाड़ दी
सारी रंगत खो गई।।
कारखानों का अरबों टन अपशिष्ट बहकर
समुंदर में घुल गया
कालिख जहर डुबो गई
वाहनों का जहरीला धुआं धू-धू करके
आकाश में भर गया
आग उगलने लगी पृथ्वी, प्रकृति देवी
आंसू भरकर रो गई।
जगदीश शर्मा सहज