” वोट बैंक “
खुद पर इतना भी ज्यादा मत इठलाओ नेता जी
सच बोलो तुम झूठ के पुल पर ना टहलाओ नेता जी ,
भगत सिंह के चरणों की जो धूल के लायक भी ना हैं,
वीर भगत सिंह सा उनको मत बतलाओ नेता जी ,
राजनीति के कीचड़ में तुम फंसे हमे बहलाते हो,
पहले अपने पांव निकालो फिर समझाओ नेता जी
बहुत सुने बकवास तुम्हारी चुप हो जाओ नेताजी
फेंकना अब तो बंद करो ना यूँ उलझाओ नेता जी ,
केवल भाषणबाजी से ना दिल बहलाओ नेता जी,
बिजली,पानी,घर,राशन की सुविधाएं लाओ नेता जी,
वोट बैंक तुम समझते हमको ना फुसलाओ नेता जी।