*”वादा”*
“वादा”
जो वादा मन से करते हैं ,निभाना उनको पड़ता है।
कभी खुद अपने आपसे पूछो ,
क्या तुमने वादा निभाया है।
टूटे हुए वो सारे सपनों को ,फिर से कोई आस जगाया है।
हाथों में हाथ थामकर ,सच्चा वादा निभाया है।
चलो आज फिर से हम सभी मिलकर ,वादा ये करते हैं।
खुद को हरपल खुश रखने की एक फरियाद करते हैं।
एक वादा खुद के सम्मान की खातिर ,जो हमें सम्मान देते हैं।
वादा करके मुकर न जाना ,वादा पूरा करने का संकल्प लेते हैं।
उन सपनों को हकीकत में बदलने की जदोजहद जिद्द करते हैं।
जो वादा भूल गए हो उसे फिर से याद दिलाते हैं।
वादा करके निभाना बड़ी मशक्कत मुश्किल होता है।
वादा तोड़कर फिर निभाना बहुत कठिन काम होता है।
भूली बिसरी वो गुजरा हुआ जमाना बदल गया है।
वादा पूरा करने के लिए वचन निभाने साथ इरादा अधूरा रह गया है।
अगर कोई सुलह कर ले ,वादा वो पुराना अंदाज निराला है।
कभी मिलने का वादा कर जब भूल जाते हैं ।
वादा उतना ही करो जितना निभा सकते हैं।
चलो आज कर लें मिलकर ये वादा ,खुशियों को दोगुना गम को आधा कर लेते हैं।
वादा किया है तो साथ निभाएंगे ,
अगर तुम भूल जाओ तो हम याद दिलाएंगे।
जय श्री कृष्णा राधे राधे ?
शशिकला व्यास ✍️