वादा
अजीब हरकते है दिल की
तुझसे किया वादा निभाने के लिए !
रोज तेरा नाम लेकर अहद लेता है
तुझको भुलाने के लिए !!
खण्डहर के वीरानों में मैं
सकून पा लेता हूँ थोड़ा !
कोई तो मिला मुझे कहीं
मेरा साथ निभाने के लिए !!
कभी महसूस करोगी
तुम भी अकेले में !
मेरी जिन्दगी ना थी
यूँ ही मिटाने के लिये !!
तुम साथ होती तो जीता
कुछ कर दिखाने के लिये।
अब तो जी रहा हूँ जैसे
कोई रस्म निभाने के लिये !!