वाणी वंदना
हम शरण में हैं तुम्हारी,ज्ञान का माँ दान दो
माँगते है बस यही हम, सद्गुणों की खान दो
शारदे वरदान दो, माँ शारदे वरदान दो
हम सुमन सा मुस्कुराएं,हर जगह खुशबू लुटाएं
भूलकर दुख दर्द अपने, दूसरों के काम आएं
है यही विनती हमारी,भाव में भर प्राण दो
शारदे वरदान दो, माँ शारदे वरदान दो
दीप सा खुद को बनाएं,इस जगत को झिलमिलाएं
हम चलें सद्मार्ग पर ही,पग नहीं ये डगमगाएं
नाम रोशन कर सकें हम, नित्य नव सोपान दो
शारदे वरदान दो, माँ शारदे वरदान दो
सत्य का भरते रहें दम,झूठ से बचकर रहे हम
हम सफल होकर दिखा दें, हम किसी से हैं नहीं कम
मार्गदर्शन कर हमारा,इक अलग पहचान दो
शारदे वरदान दो, माँ शारदे वरदान दो
21-06-2023
डॉ अर्चना गुप्ता