वाणी को रसदार बना।
वाणी को रसदार बना।
और अधिक प्रिय धार बना।।
कटुक वचन परित्याग करो,
खुद काशी हरिद्वार बना।।
— ननकी 08/10/2024
वाणी को रसदार बना।
और अधिक प्रिय धार बना।।
कटुक वचन परित्याग करो,
खुद काशी हरिद्वार बना।।
— ननकी 08/10/2024